दुनिया के इतिहास के सभी सभ्यताओं में देवताओं को पहाड़ों से जुड़ा हुवा माना गया है, क्योंकि वो हमारे दुनिया में स्वर्ग तक जाने का या उसके करीब पहुंचने का रास्ता माने जाते है |बहुत से ऐसे कहानियाँ है जिनमे उनको देवताओं का घर भी बताया गया है | उनमें से सबसे प्रचलित नाम कैलाश पर्वत है जो कि तिब्बत में स्थित एक पर्वत श्रेणी है |
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आप लोगो ने अधिकतम बार सुना या देखा होगा की कैलाश पर्वत भगवान शिव जी का निवास स्थान है | लेकिन कम ही लोगो को कैलाश पर्वत के रोचक तथ्यों के बारे में पता होगा |
कैलाश पर्वत इस दुनिया का एक ऐसा रहस्मयी पर्वत है जहाँ आज तक कोई भी पर्वतारोही सफल नहीं हो पाया |
तमाम कोशिशों के बावजूद कैलाश पर्वत की चोटी तक कभी कोई पर्वतारोही आज तक नहीं पहुँच सका | आज कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की पाबंदी है | लेकिन २० वी सदी की शुरुआत से ही ये कोशिशें चली थी |
कुछ पर्वतारोहियों ने पहले यह बताया है कि यहाँ चढ़ते वक़्त मौसम अचानक इतना बदल जाता है आगे जाना नामुमकिन हो जाता है | उनके यंत्र भी यहां पहुंचते ही बंद हो जाते है |
जिससे आगे-पीछे का मार्ग की दिशा पता नहीं लगती | चीन सरकार ने वर्ष 2001 में कैलाश पर्वत पर चढ़ने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था

धार्मिक विशेषताएँ
हिन्दू कथाओं के अनुसार शिवजी का स्थाई निवास होने के कारण इस स्थान को 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है | कुछ वैज्ञानिक भी कहते है कि कैलाश धरती का केंद्र है |
धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव तो दूसरी तरफ दक्षिणी ध्रुव है ,इन दोनों के बीचो-बिच स्थित है हिमालय और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत |
अभी भी दुनिया में कई ऐसी चोटिया है जहाँ इंसान के कदम नहीं पढ़े लेकिन कोशिश करने के बाद भी जिस चोटी पर अभी तक कोई भी नहीं चढ़ा वो इकलौता कैलाश ही माना जाता है |
इस से भी ऊँचे-ऊँचे चोटियां विश्व में स्थित जैसे कि माउंट एवरेस्ट, जिसकी ऊंचाई कैलाश पर्वत से 2200 मी० अधिक है और विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है जिसे लोगो ने अभी तक लगभग 7000 से अधिक बार चढ़ाई चढ़ चुके है, लेकिन कैलाश पर्वत अभी भी अजेय है |
इस रहस्य की सच्चाई, इस विषय पर खोज करने वाले वैज्ञानिको के पास भी अभी तक नहीं मिली हैं | इसलिए लोगो ने इसे धर्मग्रंथो में लिखी बात के अनुसार मानते है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिवजी अपने परिवार के साथ यहां निवास करते है |
इस स्थान पर वैसे शिवजी के होने के लोगो ने अपनी-अपनी राय है
साधु संत के अनुसार उस शक्ति के स्थान को भाँप पाना किसी साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं है | इस स्थान से 4 महान नदियों का उदय होता है जो है – सतलुज, सिंधु, ब्रह्मपुत्र और घाघरा |
ये चारो पवित्र नदिया इस पुरे क्षेत्र को अलग-अलग हिस्सों में बाँटता है|
जो पुरे विश्व के चार भागों को दर्शाता है |
कैलाश पर्वत इन सबके केंद्र में आता है | कैलाश के चोटियों के बीच दो झील स्थित है –
(१) मानसरोवर झील जो दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शुद्ध पानी की झील है | मानसरोवर झील को पुराणों में क्षीर सागर भी कहा गया है | इसका
(२) राक्षस झील जो दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित खारे पानी की सबसे बढ़ी झील है |
हर साल हजारो की संख्या में श्रद्धालु तिब्बत में कैलाश के दर्शन के लिए प्रवेश लेते है | यह एक आध्यात्मिक यात्रा भी है, तिब्बती (लामा) लोग कैलाश पर्वत की तीन अथवा तेरह परिक्रमा का महत्व मानते हैं और अनेक यात्री दंड प्रणिपात करने से एक जन्म का, दस परिक्रमा करने से एक कल्प का पाप नष्ट हो जाता है।
जो 108 परिक्रमा पूरी करते हैं उन्हें जन्म-मरण से मुक्ति मिल जाती है।